Tag: lost
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बाज़ार
मशगूल हैं सब दौलत कमाने मेंअब और क्या उम्मीद करें ज़माने से मुखालफत होती है जहां लोगों सेछोड़ देते हैं उन्हें इसी बहाने से मुसीबत होती है कभी जब बाजार मेंभाग आते हैं अपने महफूज तहखाने मेंभूल नहीं पाती है नजर सुबह कोमिट जाते हैं बस खुद को जगाने में न राह मुश्किल है न…
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वक्त
गुजरते देखा है जिंदगी को इतना करीब सेवो ना आया जब मिलने का वक्त आया मोहलत मांग लेते हम उससे मगरजिंदगी में तनहाई निभाने का वक्त बेवक्त आया क्या खूब कहा था उसने वफ़ा के लिएउसके झूठ पर जाम पीने का मजा आया गजब का तौबा किया था उसने जबहमारे नाम के आगे उसका नाम…
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ज़माने
जिंदगी नही मिली पर जिंदा हूं मैं आसमान का टूटा हुआ परिंदा हूं मैं लोग पीते रहे खुशनुमा महफिलों में महफिलों से भी तो शर्मिंदा हूं मैं। इस कदर पत्ते शाखों से टूट जाते थे जैसे सिर्फ फूलों की खुशबुओं का इंतजार हो कफन भी ना भीग पाए अश्कों से जहां ऐसे बेदर्द ज़माने का…
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A Thing called Hope
Those times of chaos, when, your mind’s berated.That wilderness grows, overpowering,You venture about, lost, misdirected,Deeper in the woods;Deeper! Steeper! But beware, the deeper you go,more the light fadesand the gloom transcends,from that foreboding moderate,to the despondent melancholy.The fire foes out,the ashes remain, smouldering. But fear not, O’ brave heart,the ashes will smolder,Forget, and on.Cease them,…