Tag: देश
-
यह प्रेम नहीं
(इस कविता में जो लिखा है उसका अर्थ तो समझिए ही साथ ही साथ उसके उलट जो आज के युग में होता है वह भी सोचिये)(कविता को लयबद्ध पद्य की शैली में लिखा है, यदि उस लहजे से पढ़ा जाए तो अलग आनंद मिलेगा 🙂) काल का चक्र जो चलता है,किसी के लिए नहीं ये…
-
सब चुप क्यों हैं?
(कल्पना करिए आप 12-15 वर्ष पहले के भारत में हैं। जैसे जैसे मैं समय में आगे बढूंगा आप समझते जाएंगे) रोज़ाना चलते जीवन के यापन में, सब चुप क्यों हैं? अंतर्द्वंद के स्थापन से भी, सब चुप क्यों हैं? सर उठा कर देखते हैं जब लोग, पता लगता है कि रास्ते तो अब खाली…