गुजरते देखा है जिंदगी को इतना करीब से
वो ना आया जब मिलने का वक्त आया
मोहलत मांग लेते हम उससे मगर
जिंदगी में तनहाई निभाने का वक्त बेवक्त आया
क्या खूब कहा था उसने वफ़ा के लिए
उसके झूठ पर जाम पीने का मजा आया
गजब का तौबा किया था उसने जब
हमारे नाम के आगे उसका नाम आया